Health Insurance में कैशलेस ट्रीटमेंट क्या है और कैसे मिलती है ये सुविधा? यहां जानें पूरी प्रोसेस
कैशलेस सुविधा के चलते लाभार्थी (Insurance Beneficiary) के अस्पताल में भर्ती होने के बाद से ही बीमा कंपनियां सीधा अस्पताल को भुगतान करती है. इसके लिए आपको पैसे का जुगाड़ नहीं करना पड़ता.
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कैशलेस क्लेम सुविधा का लाभ उठाने के लिए लिस्टेड अस्पताल में इलाज कराना होता है.
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कैशलेस क्लेम सुविधा का लाभ उठाने के लिए लिस्टेड अस्पताल में इलाज कराना होता है.
हेल्थ इमरजेंसी में फाइनेंशियल सपोर्ट में हेल्थ इंश्योरेंस सबसे मददगार है. अगर आपके पास हेल्थ इंश्योरेंस नहीं होगा और आप बीमार पड़ जाते हैं, जिसकी वजह से आपको अस्पताल में भर्ती होना पड़े, तो इसमें आपका बहुत सारा पैसा बर्बाद हो सकता है. वहीं अगर आपके पास हेल्थ इंश्योरेंस है तो यह सारा खर्चा आपकी इंश्योरेंस कंपनी उठाती है और आपकी जेब पर कोई बोझ नहीं पड़ता. हेल्थ इंश्योरेंस का काम होता है मेडिकल इमरजेंसी में वित्तीय सुविधा प्रदान करना, ताकि आपको कर्ज के जाल में न फंसना पड़े. इसलिए आजकल सभी मेडिक्लेम पॉलिसी में कैशलेस फीचर एक आम बात हो गई है. इस आर्टिकल में जानें क्या है ये कैशलेस सुविधा और इसे कैसे क्लेम कर सकते हैं.
आपको बता दें कि हेल्थ इंश्योरेंस में इंश्योरेंस कंपनियां दो तरह से इलाज का खर्च उठाती हैं- कैशलेस (Cashless) और रीइंबर्समेंट (Reimbursement).आने वाले समय में अब आपको हर अस्पताल में Cashless Medical सेवाएं ही मिलेंगी. जल्दी ही Re-Imbursement Claim वाला पूरा सिस्टम खत्म होने वाला है. हालांकि अभी इसे लेकर कोई अपडेट नहीं है.
कैशलेस सुविधा क्या है? (What is Cashless Facility)
आसान शब्दों में समझें तो CASHLESS Facility का मतलब ये है कि जब स्वास्थ्य बीमा लेने वाला व्यक्ति बीमार पड़ता है और वो अस्पताल में भर्ती होता है, तब बीमा कंपनी से मिले कार्ड के जरिए, वो अस्पताल का खर्च उठाता है. उसे अपनी जेब से कुछ नहीं देना होता है. इस सुविधा के चलते अस्पताल में भर्ती होने के बाद से ही बीमा कंपनियां सीधा अस्पताल को भुगतान करती है. इसके लिए आपको पैसे का जुगाड़ नहीं करना पड़ता.
कैशलेस क्लेम की सुविधा का लाभ कैसे उठाएं?
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- हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कैशलेस क्लेम सुविधा का लाभ उठाने के लिए बीमित व्यक्ति को एक इंश्योरेंस कंपनी की ओर से लिस्टेड अस्पताल में इलाज कराना होता है.
- अस्पताल लाभार्थी द्वारा प्रदान की गई डिटेल को वेरिफाई करेगा और उनकी बीमा कंपनी को एक प्री ऑथराइजेशन फॉर्म भेजेगा.
- बीमा कंपनी प्री ऑथराइजेशन रिक्वेस्ट की जांच करेगी और अस्पताल को पॉलिसी के कवरेज और अन्य जानकारी के बारे में सूचित करेगी.
- अगर प्री ऑथराइजेशन रिक्वेस्ट रिजेक्ट कर दिया जाता है, तो इलाज का खर्च वहन करना होगा, जिसका रीइंबर्समेंट बाद में किया जा सकता है.
- अगर प्री ऑथराइजेशन रिक्वेस्ट स्वीकृत हो जाता है, तो इलाज शुरू हो जाएगा, और अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद, अंतिम बिल और छुट्टी के कागजात बीमा कंपनी को भेजे जाएंगे. वे भुगतान (यदि लागू हो) और खर्चों में कटौती के बाद अंतिम राशि का निपटान करेंगे.
इमरजेंसी में कैशलेस नहीं
यहां यह जानना जरूरी है कि इमरजेंसी की स्थिति में कैशलेस की सुविधा नहीं मिलती है, इसके लिए आपको रीइंबर्समेंट लेना होगा. ऐसा इसलिए है, क्योंकि नेटवर्क अस्पताल में कैशलेस क्लेम के लिए प्री-ऑथोराइजेशन जरूरी होता है. लेकिन, इमरजेंसी में ऑथोराइजेशन लेने का समय नहीं होता.
02:39 PM IST